The Definitive Guide to sidh kunjika
The Definitive Guide to sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
इश्क के जाल में फंसाकर चल रहा ठगी का खेल, जानें क्या है इससे बचने का तरीका?
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
On chanting on the whole, Swamiji states, “The more sidh kunjika we recite, the greater we pay attention, and the more we attune ourselves to the vibration of what's getting stated, then the greater we will inculcate that attitude. Our intention amplifies the Angle.”
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।